कल हमारे एक मित्र बता रहे थे की
वो अपने आठ साल के बच्चे का एडमिशन शिमला के
एक बोर्डिंग स्कूल में कराना चाह रहे है,
अभी उनका बच्चा देहरादून के किसी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है !
मैंने पूछा सालाना क्या खर्च आएगा ?
कहा लगभग सात लाख, और आने जाने में एक लाख अलग,
कक्षा तीन के बच्चे का एक साल का खर्च आठ लाख रुपया,
मै सुनकर हैरत में था
आखिर गाव में प्राथमिक स्कूल में पढने वाले बच्चे उसकी बराबरी कैसे करेंगे ?
वो अपने आठ साल के बच्चे का एडमिशन शिमला के
एक बोर्डिंग स्कूल में कराना चाह रहे है,
अभी उनका बच्चा देहरादून के किसी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है !
मैंने पूछा सालाना क्या खर्च आएगा ?
कहा लगभग सात लाख, और आने जाने में एक लाख अलग,
कक्षा तीन के बच्चे का एक साल का खर्च आठ लाख रुपया,
मै सुनकर हैरत में था
आखिर गाव में प्राथमिक स्कूल में पढने वाले बच्चे उसकी बराबरी कैसे करेंगे ?
आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ
ReplyDeleteमेरा शुरू से ही ये मानना रहा है कि
एक गाँव का बच्चा जो अत्यंत अभावों में पढाई करता है वो शहर के उच्च सुविधा संपन्न बच्चे के साथ कैसे बराबरी कर सकता है ?
अत्यंत विचारणीय प्रश्न है !!!
सार्थक पोस्ट